5 Easy Facts About पारद शिवलिंग online Described

सिध्यन्ति नात्रा संदेह रसराज प्रसादतः ।।    (रसार्णव तंत्र)

ऐसा माना जाता है कि पारद शिवलिंग में सभी ज्योतिर्लिंगों का वास होता है। सिर्फ जल और पुष्प अर्पण करके ही पारद शिवलिंग की सच्चे मन से पूजा की जाए तो उपासक को अंगिनत लाभ मिलते है। खास बात यह है कि पारद शिवलिंग की पूजा प्राण प्रतिष्ठा के बिना की जा सकती है।

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

- कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है।

एक विशेष — वरील लेख वाचल्यानंतर आपल्याला जर शिवलिंग सथापन करण्याचा मोह आवरता आला नाही तर कृपया रोज १५ मिनिटे शिवपुजनात देण्याची तयारी असेल तरच सथापन करा.

अगर किसी व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियों का या ग्रहों के अशुभ प्रभाव का असर है तो पारद शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर गंगाजल को उस व्यक्ति पर छिड़क दें, ऐसा करने से सभी नकारात्मक चीजें दूर हो जाती हैं। साथ ही अगर आप उस गंगाजल को कार्यक्षेत्र या व्यापारिक स्थल पर छिड़क देते हैं तो उन्नति होती है और लाभ के नए अवसर भी प्राप्त होते हैं।

पारद शिवलिंग के घर में होने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता विराजमान होते हैं। वहाँ धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

- दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है।

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देशभर में जो ज्योर्तिलिंग है वे सभी स्वंभू है परंतु पत्थर के शिवलिंग के अलावा शिवलिंग कई प्रकार और पदार्थ या धातु से बनाए जाते हैं।

स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।

- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

पारद शिवलिंग की पूजा करने से ग्रह दोष और जीवन के पाप दूर होते हैं।

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